अब हे भाऊवों अऊर बहिनों, मय तुम सी बिनती करू हय, कि जो लोग ऊ शिक्षा को विरुद्ध, जो तुम न पायो हय, फूट डालन अऊर ठोकर खिलावन को वजह होवय हंय, पहिचान लियो करो अऊर उन्को सी दूर रहो।
येकोलायी मय तुम्ख चेतावनी देऊ हय कि जो कोयी परमेश्वर की आत्मा सी बोलय हय, ऊ नहीं कह्य कि यीशु स्त्रापित हय; अऊर नहीं कोयी पवित्र आत्मा को बिना कह्य सकय हय कि यीशु प्रभु हय।
जसो हम न येख पहिले कह्य चुक्यो हंय, वसोच मय अब फिर कहू हय कि ऊ सुसमाचार कि शिक्षा देवय हय, जो तुम्हरो द्वारा स्वीकार करयो हुयो सी अलग हय, त ओको नरक म नाश होयेंन।
येकोलायी जितनो लोग व्यवस्था को पालन कर क् जीवय हय, हि सब श्राप को अधीन हंय। कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय, “जो कोयी व्यवस्था की किताब म लिखी हुयी सब बातों ख पालन करन म स्थिर नहीं रह्य, त ऊ परमेश्वर को श्राप को अधीन हय।”
पर मसीह हमरो लायी श्रापित बन्यो, ताकी हम्ख व्यवस्था को श्राप सी छुड़ाये, कहालीकि शास्त्र म लिख्यो हय, “जो कोयी झाड़ पर लटकायो गयो हय ऊ परमेश्वर को श्राप को अधीन हय।”
उन्की आंखी म व्यभिचार बस्यो हुयो हय, अऊर हि पाप करयो बिना रुक नहीं सकय। हि कमजोर लोगों ख जार म फसाय लेवय हंय। उन्को मन ख लोभ करन को अभ्यास होय गयो हय; हि परमेश्वर को श्राप म हंय।