यदि कोयी विधवा को बालबच्चा अऊर नाती-पोता होना, त उन्न अपनो माय बाप अऊर दादा दादी को पालन पोषन को बदला चुकावन अऊर अपनो परिवार की चिन्ता करन को द्वारा अपनो धर्म को कार्य ख अपनो जीवन कार्य म लाये कहालीकि येको सी परमेश्वर खुश होवय हय।
यो जगत को जसो मत बनो; पर तुम्हरो मन को नयो पन होय जान सी तुम्हरो चाल-चलन भी बदलतो जाये, जेकोसी तुम परमेश्वर की अच्छी, अऊर भावती, अऊर सिद्ध इच्छा अनुभव सी मालूम करतो रहो।
कि तुम, जसो कि परमेश्वर को लोगों ख होना, ओख प्रभु म स्वीकार करो; अऊर जो कोयी बात म ओख तुम्हरी जरूरत हो, ओकी मदत करो, कहालीकि ऊ भी बहुतों की बल्की मोरी भी मदत करन वाली होती।