3 इन म हम भी सब को सब पहिले अपनो शरीर की लालसावों म दिन बितात रहत होतो, अऊर शरीर अऊर मन की इच्छाये पूरी करत होतो, अऊर दूसरों लोगों को जसो चाल चलन सीच गुस्सा की सन्तान होतो।
तुम अपनो बाप शैतान सी आय अऊर अपनो बाप की लालसावों ख पूरो करनो चाहवय हय। ऊ त सुरूवात सी हत्यारों हय अऊर सत्य पर स्थिर नहीं रह्यो, कहालीकि सत्य ओको म हयच नहाय। जब ऊ झूठ बोलय, त अपनो स्वभाव सीच बोलय हय; कहालीकि ऊ झूठो हय बल्की झूठ को बाप हय।
फिर जब गैरयहूदियों लोगों को जवर व्यवस्था नहाय, पर तब भी हि अपनो आप व्यवस्था पर चलय हंय, यो वजह सी अपनो आप म व्यवस्था हंय तब भी जब की उन्को जवर मूसा की व्यवस्था हंय।
जब हम परमेश्वर को दुश्मन होतो पर परमेश्वर न अपनो बेटा को मृत्यु को द्वारा हमरो संग मेल-मिलाप करयो। अऊर जब हम परमेश्वर को संगी हय त मसीह को जीवन द्वारा बहुत जादा हमरो उद्धार करेंन
त येको म कौन सी नवल की बात हय कि परमेश्वर न अपनो गुस्सा दिखावन अऊर अपनी सामर्थ प्रगट करन की इच्छा सी गुस्सा को बर्तनों की, जो विनाश को लायी तैयार करयो गयो होतो, बड़ो धीरज सीच सही;
तोरो म अऊर दूसरों म कौन भेद करय हय? अऊर तोरो जवर का हय जो तय न परमेश्वर सी नहीं पायो? अऊर जब कि तय न परमेश्वर सी पायो हय, त असो घमण्ड कहाली करय हय कि मानो नहीं पायो?
येकोलायी हे प्रियो, जब कि यो प्रतिज्ञाये हम्ख मिली हंय, त आवो, हम अपनो आप ख शरीर अऊर आत्मा की सब अशुद्धता सी शुद्ध करे, अऊर परमेश्वर को डर रखतो हुयो पवित्रता ख सिद्ध करे।
पर पवित्र शास्त्र कह्य हय, पूरी दुनिया ख पाप को अधीन कर दियो, अऊर येकोलायी यीशु मसीह म विश्वास को आधार पर प्रतिज्ञा करयो हुयो परमेश्वर को दान, ऊ विश्वास करन वालो ख मिले।
पर जो धनी होनो चाहवय हंय, हि असी परीक्षा अऊर फन्दा अऊर बहुत सी मुर्खतापूर्न अऊर हानिकारक लालसा म फसय हंय, जो आदमियों ख बिगाड़ देवय हंय अऊर विनाश की गहरी खायी म ढकेल देवय हंय।
कहालीकि हम भी पहिले नासमझ, अऊर आज्ञा नहीं मानन वालो, अऊर गलत होतो। अऊर कुछ तरह की इच्छावों अऊर सुखविलास को चाहत म होतो, अऊर बैरभाव, अऊर जलन करन म जीवन बितावत होतो, अऊर घृना रखत होतो, अऊर एक दूसरों सी दुश्मनी रखत होतो।
उन्की आंखी म व्यभिचार बस्यो हुयो हय, अऊर हि पाप करयो बिना रुक नहीं सकय। हि कमजोर लोगों ख जार म फसाय लेवय हंय। उन्को मन ख लोभ करन को अभ्यास होय गयो हय; हि परमेश्वर को श्राप म हंय।
हि बेकार घमण्ड की बाते कर कर क् अनैतिक को कामों को द्वारा, उन लोगों ख जो भटक्यो हुयो म सी निकलन को सुरूवातच कर रह्यो होतो उन्ख शारीरिक अभिलाषावों म फसाय लेवय हंय।