3 उन्न उन्ख पकड़ क दूसरों दिन तक जेलखाना म रख्यो कहालीकि शाम भय गयी होती।
जब यीशु न यो सुन्यो कि यूहन्ना बन्दी बनाय लियो गयो हय, त ऊ गलील ख चली गयो।
तब यीशु न मुख्य याजकों अऊर मन्दिर को पहरेदारों को मुखिया अऊर बुजूर्गों सी, जो ओको पर चढ़ आयो होतो, कह्यो, “का तुम मोख विद्रोही जान क तलवारे अऊर लाठियां धर क निकल्यो हय?
तब हि ओख पकड़ क ले गयो, अऊर महायाजक को घर म लायो। पतरस दूरच दूर ओको पीछू–पीछू चलत होतो;
तब सैनिकों अऊर उन्को सूबेदार अऊर यहूदियों को पहरेदारों न यीशु ख पकड़ क बान्ध लियो,
अऊर प्रेरितों को पकड़ क जेलखाना म बन्द कर दियो।
अऊर लोगों अऊर बुजूर्गों अऊर धर्मशास्त्रियों ख भड़काय क चढ़ आयो अऊर ओख पकड़ क महासभा म लायो।
शाऊल मण्डली ख उजाड़ रह्यो होतो; अऊर घर-घर घुस क पुरुषों अऊर बाईयों ख घसीट-घसीट क जेलखाना म डालत होतो।
अऊर ओको सी दमिश्क को आराधनालयों को नाम पर या बात की चिट्ठियां मांगी कि का पुरुष का बाई, जिन्ख ऊ यो पंथ पर पाये उन्ख बान्ध क यरूशलेम ले आये।