लोग यो जो भयो होतो ओख देखन ख निकल्यो, अऊर यीशु को जवर आय क जो आदमी सी दुष्ट आत्मायें निकली होती, ओख यीशु को पाय को जवर कपड़ा पहिन्यो सुदबुद म बैठ्यो हुयो देख्यो अऊर डर गयो;
परमेश्वर न कौन्सो रीति सी यीशु नासरी ख पवित्र आत्मा अऊर सामर्थ सी अभिषेक करयो; ऊ भलायी करतो अऊर सब ख जो शैतान को सतायो हुयो होतो, अच्छो करतो फिरयो, कहालीकि परमेश्वर ओको संग होतो।
पर मय अपनो जीव ख कुछ नहीं समझू कि ओख प्रिय जानु, बल्की यो कि मय अपनी दौड़ ख अऊर ऊ सेवा ख पूरी करू, जो मय न परमेश्वर को अनुग्रह को सुसमाचार पर गवाही देन लायी प्रभु यीशु सी पायो हय।
पर पौलुस न उत्तर दियो, “तुम का करय हय कि रोय-रोय क मोरो दिल तोड़य हय? मय त प्रभु यीशु को नाम लायी यरूशलेम म नहीं केवल बान्ध्यो जान को लायी बल्की मरन लायी भी तैयार हय।”
हर आराधनालय म मय उन्ख ताड़ना दिलाय दिलाय क यीशु की निन्दा करवात होतो, इत तक कि गुस्सा को मारे असो पागल भय गयो कि बाहेर को नगरो म भी जाय क उन्ख सतावत होतो।
अऊर या आशा हम्ख नाराज नहीं करय, कहालीकि परमेश्वर न ओको प्रेम हमरो दिल म डाल्यो गयो हय। बल्की पवित्र आत्मा को द्वारा जो परमेश्वर को प्रेम हमरो मन म डाल्यो गयो हय।