“हे कपटी धर्मशास्त्रियों अऊर फरीसियों, तुम पर हाय! तुम पदीना, अऊर सौंफ, अऊर जीरा को दसवा अंश त देवय हय, पर तुम न व्यवस्था की गम्भीर बातों ख यानेकि न्याय, अऊर दया, अऊर विश्वास ख छोड़ दियो हय; पर असो होनो होतो कि इन्क भी करत रहतो अऊर उन्ख भी नहीं छोड़तो।
पर यहूदियों न जलन सी भर क बजार सी कुछ बुरो आदमियों ख अपनो संग म लियो, अऊर भीड़ जमा कर क् नगर म हल्ला मचान लग्यो, अऊर यासोन को घर पर चढ़ायी कर क् उन्ख लोगों को आगु लावनो चाह्यो।
यदि मय आदमी की रीति पर इफिसुस म जंगल को जनावर जसो सी लड़्यो त मोख का फायदा भयो? यदि मुर्दा जीन्दो करयो नहीं जाये, “त आवो, खाबोंन-पीबो, कहालीकि कल त मरनोच हय।”