राष्ट्रों को लोग गुस्सा होतो, पर तोरो प्रकोप आय पड़्यो, अऊर ऊ समय आय पहुंच्यो हय कि मरयो हुयो को न्याय करयो जाये, अऊर तोरो सेवक भविष्यवक्तावों अऊर पवित्र लोगों ख अऊर उन छोटो बड़ो ख जो तोरो नाम सी डरय हंय प्रतिफल दियो जाये, अऊर जो धरती बिगाड़ रह्यो हय उन्ख नाश करयो जाये।”
“हे प्रभु, कौन तोरो सी नहीं डरेंन अऊर तोरो नाम की महिमा नहीं करेंन? कहालीकि केवल तयच पवित्र हय। पूरो राष्ट्रों को लोग आय क तोरो सामने दण्डवत करेंन, कहालीकि तोरो न्याय को काम प्रगट भय गयो हंय।”
कहालीकि ओको न्याय सच्चो अऊर उचित हंय। ओन वा वेश्या को, जो अपनो व्यभिचार सी धरती ख भ्रष्ट करत होती, न्याय करयो अऊर परमेश्वर न अपनो सेवकों को खून को बदला लियो हय।”
उन्न बड़ो आवाज सी पुकार क कह्यो, “हे सर्वशक्तिमान प्रभु, हे पवित्र अऊर सत्य; तय कब तक धरती को न्याय नहीं करजो? अऊर हम्ख मारन वालो ख कब तक सजा नहीं देजो?”