जब तय अपनो आरोप लगावन वालो को संग शासक को जवर जाय रह्यो हय त रस्ताच म ओको सी छूटन की कोशिश कर ले, असो नहीं होय कि ऊ तोख न्यायधीश को जवर खीच लिजाये, अऊर न्यायधीश तोख सिपाही ख सौंप दे अऊर सिपाही तोख जेलखाना म डाल दे।
विश्वास को द्वारा हाबील न परमेश्वर ख कैन जसो उचित बलिदान चढ़ायो होतो, अऊर ओको विश्वास को द्वाराच सच्चायी सी चलन वालो आदमी होन की परमेश्वर सी सहमती हासिल करी कहालीकि परमेश्वर खुदच ओको दाना ख स्वीकार करयो। येको मतलब हाबील विश्वास को वजह ऊ अज भी बोलय हय जब की ऊ मर चुक्यो हय।