13 मय यो अपनो लायी उचित समझू हय कि जब तक मय यो शरीर म जीन्दो हय, तब तक मय तुम्ख या बात म याद दिलातो रहूं।
येकोलायी हम हिम्मत बान्ध्यो रहजे हंय, अऊर शरीर सी अलग होय क प्रभु को संग रहनो अऊर भी बहुत अच्छो समझजे हंय।
मोख यो उचित लगय हय कि मय तुम सब लायी असोच बिचार करू, कहालीकि तुम मोरो मन म बैठ्यो हय, मय कैद म हय तब भी अऊर सुसमाचार लायी उत्तर अऊर प्रमान देन म तुम सब मोरो संग अनुग्रह म सहभागी हय।
मय यो चाहऊं हय कि मसीह ख जान लेऊ। उन्को पुनरुत्थान को सामर्थ को अनुभव करू, अऊर ओको दु:ख म सहभागी बन क ओको जसो बन जाऊं,
योच वजह मय तोख याद दिलाऊं हय कि तय ऊ वरदान ख जीन्दो रख जो तोरो ऊपर मोरो हाथ रखन को द्वारा परमेश्वर न तोख दियो।
कैदियों की असी सुधि लेवो कि मानो उन्को संग तुम भी कैद हय, अऊर जिन्को संग बुरो बर्ताव करयो जावय हय, उनकी यो तरह सुधि लेवो जसो मानो तुम खुद पिड़ित हय।
येकोलायी तुम या बाते जानय हय, अऊर जो सत्य वचन तुम्ख मिल्यो हय ओको म बन्यो रह्य हय, तब भी मय तुम्ख इन बातों की याद दिलावन ख हमेशा तैयार रहूं।
कहालीकि यो जानु हय कि बहुत जल्दी मय अपनो नाशवन्त शरीर छोड़न वालो हय। जसो कि हमरो प्रभु यीशु मसीह न मोख बतायो होतो।
हे प्रिय संगियों, अब मय तुम्ख यो दूसरी चिट्ठी लिखूं हय, अऊर दोयी म याद दिलाय क तुम्हरो शुद्ध मन ख जागृत करू हय;