पर मय न उन्ख उत्तर दियो कि रोमियों की यो रीति नहाय कि कोयी आदमी ख सजा लायी सौंप दे, जब तक ओख अपनो आरोप लगावन वालो को आगु खड़ो होय क अपनो बचाव म उत्तर देन को अवसर नहीं मिलय।
जो निर्दोष अऊर एकच पत्नी को पति हो, जिन को बच्चा विश्वासी हो, अऊर अनुशासन हिनता को दोष उन पर नहीं लगायो जाय सके तथा ऊ कानुन को पालन करन वालो भी नहीं हो।