यो वजह मय तुम्हरो पीठ पीछू या बाते लिखूं हय, कि उपस्थित होय क मोख ऊ अधिकार को अनुसार जेक प्रभु न बिगाड़न लायी नहीं पर बनावन लायी मोख दियो हय, कठोरता सी कुछ करनो नहीं पड़ेंन।
इन बातों की याद उन्ख दिलाव अऊर प्रभु को सामने चिताय दे कि शब्दों पर दिमाग मत लगायो करे, जिन्कोसी कुछ फायदा नहीं होवय बल्की सुनन वालो को आत्मिक रूप सी नाश होय जावय हंय।
का तुम ऊ प्रोत्साहन को शब्द ख जो परमेश्वर न ओको टुरा जान क तुम सी कह्यो का तुम भूल गयो हय: “हे मोरो टुरा, जब परमेश्वर तोख सुधारय त ध्यान लगाव, अऊर जब ऊ तोख ताड़ना करेंन त निराश मत हो।
तब मय न एक हिंसक पशु ख समुन्दर म सी निकलतो हुयो देख्यो, जेको दस सींग अऊर सात मुंड होतो। ओको सींगो पर दस राजमुकुट, अऊर ओकी मुंडी पर परमेश्वर की निन्दा को नाम लिख्यो हुयो होतो।