हे भाऊवों, अऊर बहिनों मय नहीं चाहऊं कि तुम येको सी अनजान रहो कि मय न बार बार तुम्हरो जवर आवनो चाह्यो, कि जसो मोख दूसरों गैरयहूदियों म फर मिल्यो, वसोच तुम म भी मिले, पर अब तक रोक्यो गयो।
हे भाऊवों अऊर बहिनों, हम नहीं चाहजे कि तुम हमरो ऊ कठिनायी सी अनजान रहो जो आसिया को प्रदेश म हम पर पड़्यो; हम असो भारी बोझ सी दब गयो होतो, जो हमरी सामर्थ सी बाहेर होतो, यहां तक कि हम जीवन सी भी हाथ धोय बैठ्यो होतो।
तुम लोग ऊ समय मसीह सी अलग, अऊर इस्राएल की प्रजा को पद सी अलग करयो हुयो, अऊर प्रतिज्ञा की वाचावों को भागी नहीं होतो, अऊर आशाहीन अऊर जगत म ईश्वररहित होतो।
इन म हम भी सब को सब पहिले अपनो शरीर की लालसावों म दिन बितात रहत होतो, अऊर शरीर अऊर मन की इच्छाये पूरी करत होतो, अऊर दूसरों लोगों को जसो चाल चलन सीच गुस्सा की सन्तान होतो।
कहालीकि जो हम्ख प्रभु न सिखायो ऊ हम तुम्ख सिखायजे हय तुम सी यो कहजे हंय कि हम जो जीन्दो हंय अऊर प्रभु को आनो तक बच्यो रहबोंन, मरयो हुयो सी कभी आगु नहीं जाबो।
अऊर पुछेंन कि, “ओन आवन की वाचा करी होती, का ओन नहीं करी होती? कित हय ऊ? हमरो बापदादा पहिले सी मर चुक्यो हंय, पर जब सी सृष्टि बनी हय सब बाते वसी कि वसी चली आय रही हय।”