जब ऊ ओको सी मिल्यो त ओख अन्ताकिया लायो; अऊर असो भयो कि हि एक साल तक मण्डली को संग मिलत अऊर बहुत लोगों ख उपदेश देतो रह्यो; अऊर चेला सब सी पहिले अन्ताकियाच म मसीही कहलायो।
मय त याच गहरी इच्छा अऊर आशा रखू हय कि मय कोयी बात म शर्मिन्दा नहीं होऊं, पर जसो मोरी बड़ी साहस को वजह मसीह कि महिमा मोरो शरीर को द्वारा हमेशा होती रही हय, वसीच अब भी हो, चाहे मय जीन्दो रहूं या मर जाऊं।
यो वजह मय इन दु:खों ख भी उठाऊ हय, पर लजाऊ नहीं, कहालीकि मय ओख जेक पर मय न विश्वास करयो हय, जानु हय; अऊर मोख निश्चय हय कि वा मोरी धरोहर की ऊ दिन तक रखवाली कर सकय हय।
गैरयहूदी को बीच अपनो व्यवहार इतनो अच्छो बनायो रखो कि चाहे हि अपराधी को रूप म तुम्हरी आलोचना करे पर तुम्हरो अच्छो कर्मों को परिनाम स्वरूप ओको आवन को दिन हि परमेश्वर ख महिमा प्रदान करे।
जो कोयी प्रचार करे; जो कोयी सेवा करे, त ऊ वा शक्ति सी करे जो परमेश्वर देवय हय; येकोलायी सब बातों म यीशु मसीह को द्वारा, परमेश्वर ख प्रशंसा मिले। महिमा अऊर साम्राज्य हमेशा हमेशा ओकोच आय। आमीन।