15 पर अपनो मन म मसीह को लायी आदर रखो, अऊर ओख प्रभु जान क आदर देवो। अऊर यदि कोयी तुम्ख अपनी आशा को बारे म जो तुम म हय समझावन ख कहेंन त ओख उत्तर देन लायी हमेशा तैयार रहो,
यदि तुम विश्वास को पायवा पर मजबूत बन्यो रहो अऊर ऊ सुसमाचार की आशा ख जेक तुम न सुन्यो हय मत छोड़ो, जेको प्रचार आसमान को खल्लो की पूरी सृष्टि म करयो गयो, अऊर जेको मय, पौलुस, सेवक बन्यो।
परमेश्वर की या योजना होती कि गैरयहूदी लोगों पर यो रहस्य न प्रगट करे, यो रहस्य कितनो महिमामय बहुमूल्य हय जो अपनो लोगों लायी हय। अऊर यो रहस्य हय कि मसीह तुम म हय, मतलब परमेश्वर की महिमा की आशा होय सकय हय।
जब सच्चो सन्देश, सुसमाचार, पहिलो बार तुम्हरो जवर आयो, त तुम न या आशा को बारे म सुन्यो कि यो प्रदान करय हय। येकोलायी तुम्हरो विश्वास अऊर प्रेम ऊ चिज पर आधारित हय, जेकी तुम उम्मीद करय हय, जो तुम्हरो लायी स्वर्ग म सुरक्षित रखी हुयी हय।
पर मसीह बेटा को रूप म परमेश्वर को घर म विश्वास लायक हय। अऊर ओको घर हम आय, यदि हम हमरो साहस अऊर जेको पर हम घमण्ड करजे हय ऊ आशा पर मजबुतायी सी स्थिर रहे।
येकोलायी आवो मसीह की शिक्षा की सुरूवाती स्तर की शिक्षा ख छोड़ क हम सिद्धता को तरफ आगु बढ़तो जाये, अऊर मृत्यु को तरफ अगुवायी करन वालो कामों सी प्रायश्चित की नीव फिर सी नहीं डाले, अऊर परमेश्वर पर को विश्वास,
अऊर यदि तुम, हरेक को कर्मों को अनुसार पक्षपात रहित होय क न्याय करन वालो परमेश्वर ख प्रार्थना म हे बाप कह्य क पुकारय हय, त यो धरती पर परदेशी होय क परमेश्वर ख सम्मान देतो हुयो डर को संग जीवन जीवो।