6 यो कारण पवित्र शास्त्र म भी लिख्यो हय: “मय एक बहुमूल्य गोटा चुन्यो हय जेक मय न सिय्योन को कोना को गोटा रख्यो हय; जो कोयी ओको म विश्वास करेंन ऊ कभी भी शर्मिन्दा नहीं होयेंन।”
लोग खड़ो–खड़ो देख रह्यो होतो, अऊर यहूदी मुखिया भी ठट्ठा कर कर क् कहत होतो: “येन दूसरों ख बचायो, यदि यो परमेश्वर को मसीह हय, अऊर ओको चुन्यो हुयो हय, त अपनो आप ख बचाय ले।”
“हे भाऊवों, यीशु ख पकड़न वालो को अगुवा जरूर होतो कि पवित्र शास्त्र को ऊ लेख पूरो होय जो दाऊद को मुंह सी यहूदा को बारे म, पवित्र आत्मा न जो पहिले सी कह्यो होतो ओको पूरो होनो जरूरी होतो।
पूरो पवित्र शास्त्र परमेश्वर की प्रेरना सी रच्यो गयो हय हि लोगों ख सच की शिक्षा देन, अऊर उन्ख सुधारन, अऊर उनकी बुरायी दर्शावन अऊर लायक जीवन जीन को लायी निर्देश देन लायी फायदेमंद हय,
अऊर शास्त्र म यो भी लिख्यो हय, “यो ऊ गोटा आय जो लोगों ख ठेस पहुंचायेंन, यो चट्टान जो लोगों ख ठोकर दे क गिरायेंन,” ऊ ठोकर खायेंन कहालीकि हि परमेश्वर को वचन पर विश्वास नहीं करय अऊर योच उन्को लायी परमेश्वर की इच्छा होती।
सब सी बड़ी बात या हय कि तुम्ख यो जान लेनो चाहिये कि पवित्र शास्त्र कि कोयी भी बड़ी भविष्यवानी कोयी भविष्यवक्ता को खुद को बिचार सी दियो गयो स्पष्टिकरन नोहोय,
वसोच ओन अपनी सब चिट्ठियों म भी इन बातों ख लिख्यो हय। जिन्म कुछ बाते असी हंय जिन्को समझनो कठिन हय, अऊर अनजान अऊर अस्थिर लोग ओको गलत व्याख्यान करय हय जसो की ऊ वचन को दूसरों शास्त्र लेखों को भी करय हय। यो तरह अपनोच नाश को वजह बनय हंय।