कहालीकि यदि तुम न अपराध कर क् घूसा खायो अऊर धीरज धरयो, त येको म का बड़ायी की बात हय? पर यदि अच्छो काम कर क् दु:ख उठावय हय अऊर धीरज धरय हय, त यो परमेश्वर ख अच्छो भावय हय।
पर मय जो कुछ भी हय, परमेश्वर को अनुग्रह सी हय। ओको अनुग्रह जो मोरो पर भयो, ऊ बेकार नहीं भयो; पर मय न उन सब सी बढ़ क मेहनत भी करयो: तब भी यो मोरो तरफ सी नहीं भयो पर परमेश्वर को अनुग्रह मोरो पर होतो।
यो वजह मय इन दु:खों ख भी उठाऊ हय, पर लजाऊ नहीं, कहालीकि मय ओख जेक पर मय न विश्वास करयो हय, जानु हय; अऊर मोख निश्चय हय कि वा मोरी धरोहर की ऊ दिन तक रखवाली कर सकय हय।
कहालीकि हम अपनो अन्तरमन की या गवाही पर घमण्ड करजे हंय, कि जगत म अऊर विशेष कर क् तुम्हरो बीच, हमरो चरित्र परमेश्वर को लायक असी पवित्रता अऊर सच्चायी संग होतो, जो मानविय ज्ञान सी नहीं पर परमेश्वर को अनुग्रह को संग होतो।
यदि असो होय पातो त का उन्को चढ़ायो जानो बन्द नहीं होय जातो? कहालीकि फिर त उपासना करन वालो एकच बार म हमेशा हमेशा लायी पवित्र होय जातो अऊर अपनो पापों को लायी फिर कभी खुद ख अपराधी नहीं समझय।