18 हे सेवकों, अपनो आप ख अपनो मालिकों को अधीन रखो अऊर उन्ख पूरो रीति सी आदर देवो, नहीं केवल उन्को जो अच्छो अऊर दूसरों को लायी चिन्ता करय हय बल्की उन ख भी जो कठोर हय।
मय पौलुस जो तुम्हरो संग होन पर नम्र अऊर दीन हय, पर जब मय दूर होऊ हय त तुम्हरो संग कठोर व्यवहार करू हय मसीह की नम्रता अऊर कोमल स्वभाव अऊर दया सी समझाऊ हय।
पर जो ज्ञान स्वर्ग सी आवय हय ऊ पहिले त पवित्र होवय हय फिर मिलनसार, नरम स्वभाव अऊर शान्तिमय अऊर दया अऊर अच्छो फरो सी लद्यो हुयो अऊर पक्षपात अऊर निष्कपट होवय हय।