“मालिक न ऊ अधर्मी मुनीम की तारीफ करयो कि ओन हुसीयारी सी काम करयो हय। कहालीकि यो जगत को लोग अपनो समय को लोगों को संग लेन-देन म प्रकाश को लोगों सी अधिक हुसीयार हंय।”
कहालीकि असो समय आयेंन जब लोग सच्चो उपदेश नहीं सह सकेंन, ऊ केवल खुद ख समाधान मिले असी बाते कानो सी सुनन को लायी अपनी अभिलाषावों को अनुसार अपनो लायी बहुत सो उपदेशक जमा कर लेयेंन,
अऊर ऊ अजगर ख खल्लो ढकेल दियो गयो, यो उच पुरानो सांप आय बुरो या शैतान कह्यो गयो हय। यो पूरो जगत ख भरमावय हय। ओख अऊर ओको दूतों ख धरती पर फेक्यो गयो होतो।