11 कहालीकि जो समाचार तय न सुरूवात सी सुन्यो, ऊ यो आय कि हम एक दूसरों सी प्रेम रखो;
जेवन पर सी उठ क अपनो बनियाइन को ऊपर को कपड़ा को कुरता उतार दियो, अऊर गमछा ले क अपनो कमर बान्ध्यो।
मोरी आज्ञा यो आय, कि जसो मय न तुम सी प्रेम रख्यो, वसोच तुम भी एक दूसरों सी प्रेम रखो।
तुम एक दूसरों ख बोझ उठावों, अऊर यो तरह मसीह की व्यवस्था ख पूरो करो।
अऊर प्रेम म चलो जसो मसीह न भी तुम सी प्रेम करयो, अऊर हमरो लायी अपनो आप ख सुखदायक सुगन्ध लायी परमेश्वर को आगु भेंट कर क् बलिदान कर दियो।
पर भाईचारा कि प्रीति को बारे म यो जरूरी नहाय कि मय तुम्हरो जवर कुछ लिखूं, कहालीकि आपस म प्रेम रखनो तुम न खुदच परमेश्वर सी सिख्यो हय;
आज्ञा को उद्देश यो हय कि प्रेम, शुद्ध मन अऊर अच्छो विवेक, अऊर निष्कपट विश्वास को द्वारा आवय हय।
जब तुम न सच को पालन करतो हुयो सच्चो भाईचारा को प्रेम ख प्रदर्शित करन लायी अपनो आप ख निष्कपट कर लियो हय त पूरो दिल को संग आपस म एक दूसरों सी प्रेम करे।
आखरी म तुम सब को सब एक मन अऊर कृपामय सहानुभूति, भाऊवों सी प्रेम रखन वालो, अऊर दयालुता सी, अऊर एक दूसरों सी नम्र बनो।
सब म बड़ी बात या हय कि एक दूसरों सी घनिष्ट प्रेम रखो, कहालीकि प्रेम कुछ पापों ख झाक देवय हय।
जो समाचार हम न ओको सी सुन्यो अऊर तुम्ख सुनाजे हंय, ऊ यो आय कि परमेश्वर प्रकाश आय अऊर ओको म कुछ भी अन्धारो नहाय।
हे प्रियो, जब परमेश्वर न हम सी असो प्रेम करयो, त हम ख भी आपस म प्रेम रखनो चाहिये।
ओको सी हम्ख या आज्ञा मिली हय, कि जो कोयी परमेश्वर सी प्रेम रखय हय ऊ अपनो भाऊ अऊर बहिन सी भी प्रेम रखे।
हे प्रियो, हम आपस म प्रेम रखबो; कहालीकि प्रेम परमेश्वर सी हय। जो कोयी प्रेम करय हय, ऊ परमेश्वर सी जनम्यो हय अऊर परमेश्वर ख जानय हय।
अब हे प्रिय बाई, मय तोख कोयी नयी आज्ञा नहीं, पर वाच जो सुरूवात सी मिली हय तुम्ख लिख रह्यो हय, अऊर तोरो सी बिनती करू हय कि हम एक दूसरों सी प्रेम रखे।