तुम अपनो बाप शैतान सी आय अऊर अपनो बाप की लालसावों ख पूरो करनो चाहवय हय। ऊ त सुरूवात सी हत्यारों हय अऊर सत्य पर स्थिर नहीं रह्यो, कहालीकि सत्य ओको म हयच नहाय। जब ऊ झूठ बोलय, त अपनो स्वभाव सीच बोलय हय; कहालीकि ऊ झूठो हय बल्की झूठ को बाप हय।
अऊर उन आदमियों म बेकार लड़ाई-झगड़ा पैदा होवय हंय जिन्की बुद्धि भ्रष्ट भय गयी हय, अऊर हि सत्य सी दूर भय गयो हंय, जो सोचय हंय कि भक्ति कमायी को द्वार हय।
दूसरों को अन्याय करन को बदला उन्कोच अन्याय होयेंन। उन्ख दिन दोपहर भोग-विलाश करनो भलो लगय हय। हि लोग कलंकित अऊर अपराधी हंय; जब हि तुम्हरो संग खावय-पीवय हंय, त हि धोकाधड़ी सी अपनो तरफ सी प्रेम भोज कर क् भोग-विलाश करय हंय।
यदि कोयी कहेंन, “मय परमेश्वर सी प्रेम रखू हय,” अऊर अपनो भाऊ सी दुश्मनी रखे त ऊ झूठो हय; कहालीकि जो अपनो भाऊ सी जेन ओख देख्यो हय प्रेम नहीं रखय, त ऊ परमेश्वर सी भी जेक ओन नहीं देख्यो प्रेम नहीं रख सकय।