अऊर अमरता केवल ओकीच हय, अऊर ऊ ज्योति म रह्य हय, जित तक कोयी पहुंच नहीं सकय हय, अऊर नहीं ओख कोयी आदमी न देख्यो अऊर नहीं कभी देख सकय हय। ऊ प्रतिष्ठा अऊर राज्य अनन्त काल तक रहेंन। आमीन।
कहालीकि हर एक अच्छो दान अऊर हर एक अच्छो परिपूर्ण उपहार स्वर्ग सीच आवय हय, अऊर ऊ परमेश्वर को द्वारा जेन स्वर्गीय प्रकाश ख बनायो हय, ओख खल्लो लायो जावय हय, ऊ हमेशा बदलतो रहन वाली छाव को जसो नहीं बदलय।
फिर रात नहीं होयेंन, अऊर उन्ख दीया अऊर सूरज को प्रकाश की जरूरत नहीं होयेंन, कहालीकि प्रभु परमेश्वर उन्को प्रकाश होयेंन, अऊर ऊ राजा को जसो हमेशा हमेशा शासन करेंन।