मै तुम्हर लग सही कथो, कि जउन कउ हइ डोंगर लग कही, कि तै टर जा, अउ समुन्दर हे कढ जा अउ अपन मन हे सक झइ करै, पय बिस्वास करै, कि जउन मै कथो, ऊ हुइ जही ता ओखर निता ओसनेन हुइ जही।
इन बादर के बन्द कर देय के सक्ति हबै कि उनखर आगू कर बात के दिनन हे बरिसा झइ होय, उन हे पानी के खून हे बलद देय के अउ जब-जब ऊ चइहिन, भुंइ हे महामारी के पठोमै के हक हबै।
जब पहिला स्वरगदूत पोंगा फूंकिस, ता आगी अउ ओर पइदा हुइस, जेहमा खून मिले हर रथै, उनके भुंइ हे फटक दय गइस, एखर बाद अक्ठी भाग भुंइ जर गइस अउ अक्ठी भाग रूख जर गइस अउ सगलू हरियर चारो जर गइस।