3 तब दूसर स्वरगदूत, सोना के धूप लइके आथै अउ बेदी के आगू ठाढ हुइ गइस, उके बोहत धूप दय गय रहै, जेखर लग ऊ उके सगलू पवितर सेबकन के बिनती के संग राजगद्दी के आगू बाले सोना के बेदी हे चढाय।
इहै कारन हबै कि जउन मनसे यीसु के दवारा भगवान के लिघ्घो आथै, ऊ उनही सबरोज के निता मुकति करै के सक्ति हबै, काखे ऊ हमर पल्ला लग पराथना करै के निता जुगजुग जिन्दा हबै।
एहमा महकनी चीज के निता सोना के बलि चढामै बाले जिघा अउ सोना के मढी टीमा के पेटी रथै, हइ पेटी सोना के बने हर मन्ना के अक्ठी भडवा रथै, हारुन के ऊ डंडा रथै जेहमा फूल फडुहा निकडथै अउ टीमा के पथरा के पटिया रथै।
तब मोके स्वरग लग उतरत अक्ठी दूसर सक्तिसाली स्वरगदूत के देखथै, जउन बादर के बन्डी के जसना पहिने हर रथै, ओखर मूड दबोरा के सात रंग के जसना रथै, ओखर चेहरा बेरा कस अउ गोड आगी के खम्भा के जसना रथै।
जब गेडरा किताब के लइ चुकथै तब उन चार परानी अउ चउबीस सियान ऊ गेडरा के नमस्ते करथै, उन सबके लिघ्घो धूप अउ बसुरी रथै अउ उन महके बाले चीज लग भररे हर सोना के खोरिया रथै, जउन पवितर मनसे के बिनती रथै।
फेर मै देखो कि अक्ठी अउ स्वरगदूत हबै, जउन दिन उगती तरफ लग आउत देखथै, ऊ जिन्दा भगवान के सील लय हर रथै अउ ऊ उन चारो स्वरगदूतन लग जेही भुंइ अउ बादर के नास के देय के हक दय गय रथै, बोहत सब्द लग चिल्लाय के कहत रहै।