पय अपन भित्तर मजबूत जर नेहको होय लग, चुटु रोज के निता रथै, एखर बाद हे अपनाय जाय बाले भगवान के बचन सबरोज के निता उनखर भित्तर नेहको होमै के कारन बिस्वास लग भटक जथै।
भगवान उनखर आंखी लग हर अक्ठी आंसू पोंछ डालही अउ उहां अब न कबहुन मिरतू होही, न सोक के कारन कउ रइहिन अउ न कउनो पीरा, काखे हइ सगलू पुरान बात समापत हुइ चुके हबै।”