तब मोके असना अहसास हुइस कि मै अक्ठी कांच के समुन्दर के देखथो, जेहमा आगी मिलरे हर होय अउ मै देखथो कि उन ऊ गोरू के मूरती हे अउ ओखर नाम लग सबंधित गिनती हे जीत पाय लय हबै, उहो ऊ कांच के समुन्दर हे ठाढ हबै, उन भगवान के दवारा दय हर बसुरी रथै।
अउ अब देखा कि ऊ चिड्डा युध्द के निता तइयार करे हर घोडवा के जसना दिखत रहै, उनखर मूड हे सोना लग मुकुट बांधे रथै, उनखर मुंह मनसे के जसना रथै अउ उनखर दांत बघवा के जसना रथै।