भगवान के हरवाह मूसा कर गीत अउ गेडरा के गीत गाय गायके कथै, “हे सर्वसक्तिमान परभु भगवान, तोर काम बडा अउ चकित हबै, हे जुग-जुग के राजा, तोर रास्ता निक्खा अउ सही हबै।”
फेर मै सगलू रचना के स्वरग हे, अउ भुंइ हे अउ भुंइ के तरी सगलू जीव के हइ कहत सुनेव, “जउन राजगद्दी हे बइठे हबै अउ गेडरा के स्तुति ईज्जत, महिमा, आसीस, अउ सक्ति हरमेसा रहै।”
तब मै राजगद्दी के लिघ्घो चार परानी अउ सियानन के बीच ठाढ अक्ठी गेडरा के देखो, ऊ माना बलि चढाय हर गेडरा रथै, ओखर सात सींग अउ सातठे आंखी रथै, हइ भगवान के सात आतमा हबै जिनही भगवान सगलू भुंइ हे पठोय हबै।
जब गेडरा किताब के लइ चुकथै तब उन चार परानी अउ चउबीस सियान ऊ गेडरा के नमस्ते करथै, उन सबके लिघ्घो धूप अउ बसुरी रथै अउ उन महके बाले चीज लग भररे हर सोना के खोरिया रथै, जउन पवितर मनसे के बिनती रथै।