तब भगवान के मन्दिर, जउन स्वरग हे हबै, खोल दय गइस अउ ऊ मन्दिर हे उनखर टीमा के पेटी दिखथै, उहै टेम बिजली चमकै लगिस अउ बादर के गडगडाहट गरजन हुइस अउ अक्ठी भुंइडोल हुइस अउ बडा-बडा ओर गिरिस।
सरदीस के मंडली के दूत के हइ लिख, जेखर लिघ्घो भगवान के सातठे आतमा अउ सातठे तरइया हबै, ऊ हइ कथै कि मै तोर कामन के जानथो, मनसेन के कहेका हबै कि तै जिन्दा हबस पय सही हे तै मरे हर हबस।
तब मै राजगद्दी के लिघ्घो चार परानी अउ सियानन के बीच ठाढ अक्ठी गेडरा के देखो, ऊ माना बलि चढाय हर गेडरा रथै, ओखर सात सींग अउ सातठे आंखी रथै, हइ भगवान के सात आतमा हबै जिनही भगवान सगलू भुंइ हे पठोय हबै।