3 ऊ जउन राजगद्दी हे बइठे रथै, ओखर चमक किमती मनि अउ मनि के जसना रथै अउ राजगद्दी के चारो पल्ला दबोरा के जसना हीरा के चमक रथै।
तब मोके स्वरग लग उतरत अक्ठी दूसर सक्तिसाली स्वरगदूत के देखथै, जउन बादर के बन्डी के जसना पहिने हर रथै, ओखर मूड दबोरा के सात रंग के जसना रथै, ओखर चेहरा बेरा कस अउ गोड आगी के खम्भा के जसना रथै।
अउ भगवान के महिमा लग सजे रथै अउ मंहगी पथरा अउ बेरा के जसना उजियार चमकथै।