11 “हे हमर परभु अउ हमर भगवान तहिन महिमा, इज्जत अउ सक्ति के काबिल हबस, काखे तहिन सगलू कुछु बनाय हबस, अउ तोरै इक्छा के कारन बनाय गय हबै अउ उनखर रचना हुइस।”
“हे संगी, तुम हइ काखे करथा? हमु उहै मनसे हबन, जसना तुमो हबा, इहां हम तुमके संदेस सुनामै आय हबन, ताकि हइ बेकार बातन लग मुडके ऊ जिन्दा भगवान के पल्ला लउटा जउन स्वरग, भुंइ, सागर अउ एहमा जउन कुछु हबै सगलू के बनाय हबै।
जउन भगवान दुनिया अउ ओखर सगलू चीजन के बनाइस, ऊ स्वरग अउ भुंइ के मालिक हुइके हाथ के बनाय हर मन्दिर हे नेहको रथै।
काखे ओखरै पल्ला लग अउ ओखरै दवारा अउ ओखरै निता सब कुछ हबै, ओखर महिमा जुगजुग होत रहै, ओसनेन होय।
अउ सगलू मनसेन के हइ दिखाय सको कि दुनिया के सुरु लग भगवान हे लुके हर सही के खासियत काहिन हबै, जिनही यीसु मसीह के दवारा सगलू कुछु बनाय रथै।
अउ ऊ इहो कथै, हे परभु तै सुरू हे भुंइ के नीह डालिस, अउ स्वरग तोर हाथ के रचना हबै।
पय हइ आखरी रोज हे भगवान अपन टोरवा के दवारा, हमर लग बात करिस अउ ऊ अपन टोरवा के दवारा दुनिया के सगलू चीजन के बनाइस अउ उहै के सगलू कुछु हक के रूप हे दय हबै।
ऊ हमके अक्ठी राज अउ अपन परम बाफ भगवान के सेबा हे पुजारी होमै के निता चुनिस, ओखर महिमा अउ सक्ति हरमेसा-हरमेसा होवत रहै।
अउ जउन हरमेसा जिन्दा हबै, जउन बादर, भुंइ के, सागर अउ जउन कुछ ओहमा हबै, उन सब के बनाय हबै, ओखर किरिया खाय के स्वरगदूत हइ कथै, “अब अउ जादा देरी नेहको होही।
ऊ बोहत आरो लग कथै, “भगवान लग डरै, ओखर महिमा करा काखे नियाव के टेम आय गय हबै, बडाई ओखर के ऊ स्वरग, भुंइ, समुन्दर अउ पानी के सोरोत के बनाय हबै।”
एखर बाद मै स्वरग लग अक्ठी आरो सुनाई देथै, माना बडा भीड के तेज आरो लग हइ कहत रहै, “हल्लेलुइया मुकति अउ महिमा अउ सक्ति हमर भगवान के हबै।
उन स्वरगदूत बोहत आरो लग हइ गाथै, “ऊ गेडरा, जेखर बलि चढाय गइस, सक्ति, धन्नड, ग्यान, आसीस, बलवान, ईज्जत, महिमा, अउ स्तुति पामै के काबिल हबै।”
फेर मै अक्ठी बलवान स्वरगदूतन के देखो जउन बोहत आरो लग हइ परचार करथै, “हइ किताब के खोलै अउ ओखर सील तोडै के काबिल कोन हबै?”
उन अक्ठी नबा भजन गाथै, “तै किताब लइके ओखर, सील खोलै के काबिल हबस, काखे तै बलि करे गय रथस अउ तै अपन खून बोहोय के भगवान के निता हर अक्ठी मनसे, हर अक्ठी भासा, सगलू कुर लग अउ देस लग मनसेन के खरीद लय हबस।