भगवान के बचन जिन्दा अउ किरयासील हबै, ऊ कउनो दुइधारी तलबार लग बडके चोंख हबै अउ परान अउ आतमा के अउ गांठ-गांठ अउ गूदा-गूदा के अलगे करके आर-पार छेदथै अउ हिरदय के आदत अउ मन के जानथै।
ओखर मुंह लग अक्ठी बोहत चोंख तलबार निकडिस कि ऊ ओखर लग देस के नास करै, ऊ लोहा के राजदंड लग उनखर राज करही, ऊ सर्वसक्तिमान भगवान के गुस्सा के जलजलाहट के अंगूर कर रस कुन्ड राउंदही।