भगवान के मन्दिर का मूरती लग का रिस्ता? काखे हम खुद ऊ जिन्दा भगवान के मन्दिर हबन, जसना कि भगवान कथै, “मै उनखर भित्तर निबास करिहों, चलिहों फिरिहों, मै उनखर भगवान हुइहों, अउ ऊ मोर मनसे बनहिन।”
सरदीस के मंडली के दूत के हइ लिख, जेखर लिघ्घो भगवान के सातठे आतमा अउ सातठे तरइया हबै, ऊ हइ कथै कि मै तोर कामन के जानथो, मनसेन के कहेका हबै कि तै जिन्दा हबस पय सही हे तै मरे हर हबस।