इहै मेर मै तुमही हइ सुरता दिलामै चाहथो, कि सदोम अउ अमोरा अउ ओखर अगल-बगल के सहर हे हइ दूतन के जसना गलत काम हे फस गय रहै, अउ पराय देह के पाछू दउडत रहन, उनही अनन्त काल तक नेहको बुझै बाले आगी हे झपोय जाय के निता सजा दय गइस, ऊ हमर निता उदाहरन के रूप हे ठहरे हबै।