3 एखर बाद दूसर स्वरगदूत अपन खोरिया समुन्दर हे कुढाय देथै अउ समुन्दर के पानी मरे हर मनसे के खून के जसना लाल हुइ जथै अउ समुन्दर के सगलू जीव मर जथै।
उनखर मसे बोहत झन ओखर बात के सुनके बिस्वास करिन अउ उनही पानी लग बतिस्मा दइस, हइमेर ऊ रोज उनखर संग करीबन तीन हजार मनसे जुड गइन।
ऊ हाथ हे अक्ठी नान हस खुले हर किताब लय रथै, ऊ अपन दहिना पल्ला गोड समुन्दर हे रखिस अउ टेटरा पल्ला गोड भुंइ हे रखिस।
इन बादर के बन्द कर देय के सक्ति हबै कि उनखर आगू कर बात के दिनन हे बरिसा झइ होय, उन हे पानी के खून हे बलद देय के अउ जब-जब ऊ चइहिन, भुंइ हे महामारी के पठोमै के हक हबै।
तब मै अक्ठी गोरू के समुन्दर मसे निकडत देखो, ओखर दसठे सींग अउ सातठे मूड रथै। ओखर दसों सींग हे अक-अक्ठी मुकुट रथै अउ ओखर मूड हे निन्दा के नाम लिखे रथै।