3 भगवान के हरवाह मूसा कर गीत अउ गेडरा के गीत गाय गायके कथै, “हे सर्वसक्तिमान परभु भगवान, तोर काम बडा अउ चकित हबै, हे जुग-जुग के राजा, तोर रास्ता निक्खा अउ सही हबै।”
ऊ राजगद्दी के आगू, चारो परानी अउ सियान के आगू अक्ठी नबा गीत गाथै, उन अक लाख चवालिस हजार मनसे के अलाबा, जउन सगलू भुंइ के मनसेन मसे खरीदे गय रथै अउ कउ ऊ गीत नेहको सीख सकथै।
काखे ओखर फइसला सही अउ धरमी हबै, ऊ बेसिया के सजा दय हबै, जउन अपन गलत काम के दवारा भुंइ के मनसेन के असुध्द करथै, भगवान ओखर लग अपन हरवाह के खून के पलटा लय हबै।”
हइ चारो परानी के हर अक्ठी के छय छयठे पंख रथै, उनखर भित्तर के पल्ला अउ बाहिर के पल्ला आंखै आंख रथै अउ उन दिन रात लगेतार बिना रुके महिमा करथै, “पवितर परभु सर्वसक्तिमान बाले भगवान, जउन रथै जउन हबै अउ जउन आमै बाले हबै।”