“कउनो मनसे चिमनी जलाय के कोनो मनसे उके असना जिघा हे लुकोय के नेहको धरथै, जिहां ऊ लुक जाय अउ न कउनो भडवा के तरी, पय उके सही पिरभिटिया हे धरथै, कि जेखर लग भित्तर आमै बाले मनसे देख सकै।
पय अगर कुछ डगइल टोरे गइस अउ तुम जउन अक्ठी जंगली जैतून हबा, उनखर हे लगाय गय हबा अउ उनखर संग जैतून रूख के जर के अंग होय के कारन अच्छी किसम के सहभागी बन गय हबा।