9 मै स्वरगदूत के लिघ्घो जायके ओखर लग बिनती करी, कि ऊ नान हस किताब मोके दइ दे, ऊ कथै, “इके लइ ले अउ खा जा, हइ तोर पेट के करू लगही, पय तोर मुंह हे भमर रस के जसना मीठ लगही।”
काखे इन बातन के कारन भगवान के गुस्सा भडक उठथै।
मै स्वरगदूत के हाथ लग नान हस किताब लइ लयो अउ खा लयो, ऊ मोर मुंह के बोहत मीठ लगिस, पय जब मै उके खाय चुके रहों ता मोर पेट करू लग भर गइस।