5 जउन स्वरगदूत के मै समुन्दर अउ भुंइ हे ठाढ देखे रथो, ऊ अपन दहिना हाथ स्वरग के पल्ला उठाइस,
“हे संगी, तुम हइ काखे करथा? हमु उहै मनसे हबन, जसना तुमो हबा, इहां हम तुमके संदेस सुनामै आय हबन, ताकि हइ बेकार बातन लग मुडके ऊ जिन्दा भगवान के पल्ला लउटा जउन स्वरग, भुंइ, सागर अउ एहमा जउन कुछु हबै सगलू के बनाय हबै।
काखे मै फिरथो तब तुम्हर पूजै के चीजन के देखत रहों, ता अक्ठी असना बेदी पायों, जेहमा लिखे रहै, अनजाने भगवान के निता इहैनिता जेही तुम बिगर जाने पूजथा, मै तुमके ओखर संदेस सुनाथों।
तब ले नेहको दिखाई देय बाले गुन अउ सबरोज के सक्ति देय बाले दुनिया के दयनिक आचरन दुनो के साफ-साफ समझे अउ देखे जाय सकथै, उनही भगवान बनाय हबै असना गुठेय जथै।
भगवान जब अब्राहम लग टीमा करे रथै, ता ऊ अपन नाम के किरिया खाइस, काखे ओखर लग बड्डे कउ नेहको रथै, जेखर नाम लइके ऊ किरिया खाथै,
अउ मै उहै यहों, जउन जिन्दा हबै, मै मरै रहों, पय देख, अब मै हरमेसा-हरमेसा के निता जिन्दा हव, मोर लिघ्घो मिरतू अउ नरक के चाभी हबै।
ऊ हाथ हे अक्ठी नान हस खुले हर किताब लय रथै, ऊ अपन दहिना पल्ला गोड समुन्दर हे रखिस अउ टेटरा पल्ला गोड भुंइ हे रखिस।
ऊ बोहत आरो लग कथै, “भगवान लग डरै, ओखर महिमा करा काखे नियाव के टेम आय गय हबै, बडाई ओखर के ऊ स्वरग, भुंइ, समुन्दर अउ पानी के सोरोत के बनाय हबै।”
फेर सतमा स्वरगदूत जब अपन खोरिया हवा हे कुढाय दइस अउ मन्दिर के राजगद्दी लग अक्ठी बोहत आरो सुनाई देथै, “पूर हुइ गइस।”
“हे हमर परभु अउ हमर भगवान तहिन महिमा, इज्जत अउ सक्ति के काबिल हबस, काखे तहिन सगलू कुछु बनाय हबस, अउ तोरै इक्छा के कारन बनाय गय हबै अउ उनखर रचना हुइस।”
जब-जब हइ परानी उनखर जउन राजगद्दी हे बइठे हबै, जउन हरमेसा जिन्दा हबै, महिमा करथै, इज्जत करथै अउ उनखर परति धन्यबाद परगट करथै।