1 तब मोके स्वरग लग उतरत अक्ठी दूसर सक्तिसाली स्वरगदूत के देखथै, जउन बादर के बन्डी के जसना पहिने हर रथै, ओखर मूड दबोरा के सात रंग के जसना रथै, ओखर चेहरा बेरा कस अउ गोड आगी के खम्भा के जसना रथै।
हे राजा, जब मै दुपहरी के टेम जब रास्ता हे रथो, तब मै बादर लग अक्ठी उजियार के उतरत देखथो, ओखर उजियार बेरा लग तेज रथै अउ मोर मनसेन के चउगिरदा पल्ला चमकिस।