भगवान के हरवाह मूसा कर गीत अउ गेडरा के गीत गाय गायके कथै, “हे सर्वसक्तिमान परभु भगवान, तोर काम बडा अउ चकित हबै, हे जुग-जुग के राजा, तोर रास्ता निक्खा अउ सही हबै।”
हइ भुतवा दुस्ट आतमा रथै अउ उनखर भित्तर चिन्हा चकित के काम दिखामै के सक्ति रथै, ऊ सगलू दुनिया के राजा के सर्वसक्तिमान भगवान के बडा दिन, लडाई करै के निता अकजुट करै के निकड पडिस।
ओखर मुंह लग अक्ठी बोहत चोंख तलबार निकडिस कि ऊ ओखर लग देस के नास करै, ऊ लोहा के राजदंड लग उनखर राज करही, ऊ सर्वसक्तिमान भगवान के गुस्सा के जलजलाहट के अंगूर कर रस कुन्ड राउंदही।
तब मोके बडा भीड के आरो बोहत लेहरा अउ बादर के गरजन के आरो के जसना हइ कहत सुनाई देथै, “परभु के महिमा होय, हमर परभु भगवान, जउन सर्वसक्तिमान हबै, राज करत हबै।
हइ चारो परानी के हर अक्ठी के छय छयठे पंख रथै, उनखर भित्तर के पल्ला अउ बाहिर के पल्ला आंखै आंख रथै अउ उन दिन रात लगेतार बिना रुके महिमा करथै, “पवितर परभु सर्वसक्तिमान बाले भगवान, जउन रथै जउन हबै अउ जउन आमै बाले हबै।”