तब मोके स्वरग लग उतरत अक्ठी दूसर सक्तिसाली स्वरगदूत के देखथै, जउन बादर के बन्डी के जसना पहिने हर रथै, ओखर मूड दबोरा के सात रंग के जसना रथै, ओखर चेहरा बेरा कस अउ गोड आगी के खम्भा के जसना रथै।
तब मोके बडा भीड के आरो बोहत लेहरा अउ बादर के गरजन के आरो के जसना हइ कहत सुनाई देथै, “परभु के महिमा होय, हमर परभु भगवान, जउन सर्वसक्तिमान हबै, राज करत हबै।