अउ उन चिमनी के बीच हे मै अक्ठी मनसे के देखो जउन “मनसे कर टोरवा” के जसना कउनो रथै, ऊ अपन गोड तक चरका बन्डी पहिन रखे रथै अउ ओखर छाती हे अक्ठी सोना के पट्टी बंधे रथै।
एखर बाद मै देखो कि स्वरग हे अक्ठी दूरा खुले हबै, तब तुरही के आरो के जसना ऊ सब्द, जउन मै पहिले सुने रथो, मोर लग बात करथै, “मोर लिघ्घो इछो उप्पर आ कि मै तोके ऊ सब दिखाहुं, जेखर इन सबके बाद घटै के जरूरी हबै।”