17 भाई अउ बेहन, तुम सब मिलके मोर जसना चाल चला, हमर जीवन हे तुमके अक्ठी उदाहरन मिलिस, एखर जसना चलै बाले हे धियान देत रहा।
हे भाई अउ बेहन मै तुम्हर लग बिनती करथो, कि जउन सिक्छा के बिरोध फूट डालै अउ फसामै के ठोकड बनथै, उनही जांच लय करा अउ उनखर लग दुरिहां रहा।
तुम कउनो के ठोकड के कारन झइ बना, न यहूदिन के निता, न यूनानियन के निता, न भगवान के मंडली के निता।
जउन मेर मै मसीह के जसना चाल चलथो, तुमो मोर मेर चाल चला।
इहैनिता मै तुम्हर लग बिनती करथो कि तुम मोर मेर चाल चला।
तुम जउन मोर लग सीखे हबा, उके माना सुना अउ मोके देखा ओखरै के जसना धियान करा अउ सान्ति के भगवान तुम्हर संग रही।
तुम हमर अउ परभु के आदेस के माने हबा, अउ बोहत परेसानी के सामना करत पवितर आतमा के प्रोत्साहन लग खुसी लग संदेस के स्वीकारे हबा।
अगर कउ हमार हइ चिट्ठी के बात नेहको मानही ता ओखर उप्पर नजर रखा, अउ ओखर संग रिस्ता टोर लेया, जेखर लग ऊ बेज्जती होय।
हइ तुमके पता हबै कि तुम्हर निता हमर जसना चाल चलै का सही हबै, काखे तुम्हर बीच हे रहत हम ढिलवा नेहको रहन,
असना नेहको कि हमके तुम्हर लग मदद ले का कउनो हक नेहको हबै, बलुक हम इहैनिता बोहत मेहनत करत रहन ताकि तुमो हमर जसना चाल चला।
कउ तोर जबानी के बेकार झइ समझै पय बचन अउ चाल-चलन अउ माया अउ बिस्वास, अउ पवितरता हे बिस्वास करै बाले के निता आदर बन जा।
उनही सुरता रखिहा, जउन तुम्हर अगुवा रथै, जउन तुमही भगवान के बचन के सिक्छा दइन अउ उनखर चाल चलन के परिनाम के सुरता करत उनखर बिस्वास के पाछू चला करिहा।
अपन सउपे हर मनसेन हे हक झइ जताबा, पय झुन्ड के निता इमानदार बन के सेबा करा।