4 अउ खुसी लग अपन हर अक्ठी पराथना हे तुम सबके निता हरमेसा भगवान लग मदत के बिनती करथो।
ऊ मनसे रात-दिन मरघटी अउ डोंगर छो बोहत चिरलाय करथै, अउ अपन के पथरा लग अधमरहा कर लेथै।
मै तुम्हर लग कथो, स्वरग हे इहैमेर भगवान कर स्वरगदूत ऊ पापी मनसे के निता खुसी बनाथै, जउन पस्चाताप करथै।”
मै तुम्हर लग कथो, इहैमेर निन्यानबे धरमी मनसे के अपेक्छा, जेही पस्चाताप करै के जरूरी नेहको हबै, ऊ अक्ठी पापी के निता स्वरग छो कहुं बोहत मगन बनाय जही, जउन मन बदलथै।
भगवान जेखर सेबा हे अपन आतमा लग ओखर टोरवा कर संदेस के बारे हे करथो, उहै मोर गवाह हबै, कि मै अपन बिनती हे तुमही लगेतार सुरता करत रथो,
ता मोर खुसी के पूर करा कि अक्ठी मन, अक्ठी माया, अक्ठी चित अउ अक्ठिन आतमा हे रहा।
काखे जसना कि मै तुम्हर लग बेर-बेर कह चुके हव अउ अब रोउत कथो, बोहत मनसे असना आचरन करथै कि मसीह के क्रूस के बैरी बन जथै।
हे मोर पिरिया भाई, तुम मोर खुसी हबा, मोर मगन अउ मुकुट हबा, तुमही जसना मै गुठे हबो, परभु हे तुम ओसनेन मजबूत बने रहा।
मै देह के रूप लग दुरिहां होउत आतमा हे तुम्हर संग हव अउ मोके हइ देखके खुसी होथै कि तोर जीवन सुबेवस्थित अउ मसीह हे तोर बिस्वास मजबूत हबै।
हम अपन बिनती हे तुमही सुरता करत अउ हर रोज तुम सबके बारे हे भगवान के धन्यबाद करथन,
काखे हे भाई, मोके तोर माया लग बोहत खुसी अउ प्रोत्साहन मिले हबै, इहैनिता कि तोर दवारा पवितर मनसेन के मन हरा भरा हुइ गय हबै।
मोके हइ बात हे खुसी हबै, कि मै कुछ लरकन के ऊ आदेस के जसना जउन हमके बाफ लग मिले रथै, सही के रास्ता हे चलथै।