ऊ नियाव कर रोज बोहत मनसे मोर लग कइहिन परभु, परभु का हम तोर नाम लग आगू कर बात नेहको करन अउ तोर नाम लग भुतवन के नेहको निकारन? अउ तोर नाम लग बोहत चकित के काम नेहको करन?
हम उन बातन के बारे हे कथन, जेखर बारे हे मूसा कर किताब हे हइ लिखवरे हबै, “भगवान अपन चेलन के निता तइयार करे हबै, ओही कउनो कबहुं नेहको देखे हबै, अउ न कउनो सुने हबै, अउ न कउ ओखर बारे हे सोचे हबै।”
हर अक्ठी खेल, जउन खेल हे भाग लेथै, उन हर बात हे धीर धरथै, उन नास होय बाले इनाम मुकुट पामै के निता असना करथै, जब कि हम जउन इनाम मुकुट कबहुं नास नेहको होमै बाले हबै ओखर निता करथन।
पय अब हमर मुकति करै बाले मसीह यीसु के परगट होय के दवारा हमर निता परकासित हुइस, जउन मिरतू के नास करे हबै अउ जीवन अउ अमर के संदेस के दवारा उजियार के दय हबै।
धन्य हबै ऊ, जउन मनसे परिक्छा हे ठाड रथै काखे परिक्छा हे खरा उतरै हे उके जीवन के ऊ मुकुट मिलही, जेही परभु अपन सेबक के दे के टीमा अपन माया करै बाले लग करे हबै।
तुमके जउन परेसानी भोगै के होही ओखर लग झइ डर, भुतवा तुम्हर परिक्छा लेय के उदेस्य लग तुम्हर मसे कुछ मनसेन के जेल हे डाल देही अउ तुम दस रोज तक परेसानी हे पडे रइहा अउ जब तक तुम्हर मिरतू न आय जाय तब तक बिस्वास ओग हे बने रइहा अउ मै तुमके जीवन के मुकुट परदान करिहों।”