खुदय राजा हइ बातन के जानथै, मै निडर हुइके बोलथो, हइ बात जानथा अउ मोके बिस्वास हबै कि इन बातन मसे कउनो बात ओखर लग छुपे नेहको हबै, काखे हइ घटना कउनो कोन्टा हे नेहको हुइस।
बिस्वास के अपन मन हे धरे इन मनसे मर जथै। जउन चीज के टीमा करे गय रहिस, उन ऊ चीज के नेहको पाथै, पय उन ओही दुरिहां लग देखिन अउ ओखर मेहमानी करिन। उन अपन के हइ भुंइ हे बाहरी अउ अनचिन्हार मानत रहिन।
तुम आदेस मान के सत्य के गरहन करे हबा अउ हइ मेर बिना कपट के हरमेसा माया के निता अपन आतमा के पवितर के लय हबै, इहैनिता अब तुमही सुध्द हिरदय अउ तन-मन लगाय के अक दूसर लग माया करै चाही।