हे भाई, जिहां तक हमर बात हबै, हम चुटु टेम के निता अलगे हुइ गय रहन, मन लग नेहको पय जीव लग, इहैनिता हम तुम्हर लग मिलै के बोहत होथन, हमर इक्छा अउ बढत हबै।
भगवान उनखर आंखी लग हर अक्ठी आंसू पोंछ डालही अउ उहां अब न कबहुन मिरतू होही, न सोक के कारन कउ रइहिन अउ न कउनो पीरा, काखे हइ सगलू पुरान बात समापत हुइ चुके हबै।”
काखे ऊ मेमना जउन राजगद्दी के बीच हे हबै, उनखर देखभाल करही, ऊ उनके जीवन दे बाले पानी के झरना के लिघ्घो लइ जही अउ भगवान उनखर आंखी के हर आंसू के पोंछ देही।”