यीसु उनखर लग कथै, “हव, मै हबो। पय मै तुमही गुठेथो कि अब ले तुम मनसे कर टोरवा के ऊ सबले सक्तिमान भगवान के दहिना पल्ला बइठे हर अउ आसमान के बादर हे आउत देखिहा।”
जउन कउनो मनसे चाल खराब बाले अउ पापिन के जात के बीच हे मोर बातन के सुनै, अउ माने के निता लजाही, ता मनसे कर टोरवा जब पवितर स्वरगदूत के संग अपन बाफ के महिमा के संग सजा दे आहुं ता महुं लजाहूं।
भगवान के सुस्ताय के रोज के जिघा हे घुसे के ऊ टीमा अबे तक हबै, ता हमही डेराय चाही असना झइ होय कि तुम्हर मसे कउनो अयोग ठहरै अउ ओहमा घुसै लग दुरिहां झइ रही पामै।
इहै मेर मै तुमही हइ सुरता दिलामै चाहथो, कि सदोम अउ अमोरा अउ ओखर अगल-बगल के सहर हे हइ दूतन के जसना गलत काम हे फस गय रहै, अउ पराय देह के पाछू दउडत रहन, उनही अनन्त काल तक नेहको बुझै बाले आगी हे झपोय जाय के निता सजा दय गइस, ऊ हमर निता उदाहरन के रूप हे ठहरे हबै।
ता उके भगवान के गुस्सा के दारू पिलाय जही, जउन बिना मिच्चर के ओखर गुस्सा के खोरिया हे कुढाय गय हबै अउ ऊ पवितर स्वरगदूतन अउ गेडरा के आगू आगी के बोहत पीरा हे डाल दय जही।
मै स्वरग लग अक्ठी आरो हइ आदेस देत सुनाई देथै, “लिख, धन्य हबै।” ऊ मिरतू, जउन अब लग परभु हे बिस्वास करत मरे हबै, आतमा कथै, “असनेन होय, ताकि ऊ अपन मेहनत के बाद आराम के सकै, काखे उनखर निक्खा काम उनखर संग हबै।”
भगवान उनखर आंखी लग हर अक्ठी आंसू पोंछ डालही अउ उहां अब न कबहुन मिरतू होही, न सोक के कारन कउ रइहिन अउ न कउनो पीरा, काखे हइ सगलू पुरान बात समापत हुइ चुके हबै।”
“यीसु कथै, मै मंडली के बारे हे हइ बात परगट करै के निता अपन स्वरगदूत के तुम्हर लिघ्घो पठोय हव, मै दाऊद के बडा वंसज अउ लरका यहों अउ मुरगउसा के चमकत तरइया हबो।”
फेर ऊ स्वरगदूत मोर लग कथै, “हइ बचन बिस्वास करै के काबिल अउ सही हबै, परभु जउन ग्यानी मनसे के आतमा के भगवान हबै, अपन सेबकन के जउन कुछ हरबी घटे बाले रथै, ओही बतामै के निता अपन स्वरगदूत के पठोय हबै।”
पय स्वरगदूत मोर लग कथै, “देख असना झइ के, काखे मै तो तुम्हर भाई ग्यानी मनसे अउ हइ किताब के बचन के मानै बाले अउ भगवान के हरवाह हव तुम भगवान के अराधना करा।”