कउ असना परिक्छा तुम्हर हे झइ आबै, जउन सगलू मनसेन के निता सहै लग बाहिर हबै, भगवान बिस्वास हबै, ऊ तुमही कउनो असना परिक्छा हे नेहको परै देही, जउन तुम्हर सहै लग बाहिर होय पय ऊ परिक्छा के संग उपायो करही कि तुम बिस्वास हे मजबूत रही सका।
फिर जउन स्वरगदूत अपन पद के बनाय नेहको रखिस, पय अपन निबास हक के छांड दइस, ऊ उनके ऊ भयानक नियाव के रोज के निता अंधियार हे जउन सबरोज के निता हबै बन्धन हे रखे हबै।