12 हइ मनसे उन निरबुध्दि पसुन के जसना हबै, जिनखर पइदा असना पसुन के जसना होय हबै कि इनही पकरके इनही काटे जाय, उन असना बातन के निन्दा करथै, जेखर इनही कउनो ग्यान नेहको हबै, उन पसुन के मेर नास हुइ जइही,
लालच, दोख, ठगना, लफन्गा, बेकार नजर, बुराई, अकड, मूरख असना-असना बात निकाडथै।
यीसु फेर मनसेन लग कथै, मै जथो अउ तुम मोके खोजत-खोजत अपन पाप हे मर जइहा, मै जछो जइहों, तुम उछो नेहको आय सकिहा।
काखे जउन अपन देह के निता बोथै, ऊ देह के दवारा नास होही, अउ जउन पवितर आतमा के दवारा चलथै, ऊ पवितर आतमा के दवारा सबरोज के जीवन पाही।
हइ सगलू मनसे के आदेस हबै, मानवीय सिधान्त हे आधारित हबै अउ असना वस्तु लग सबंध रखथै, जउन निस्तार हे आमै लग नास हुइ जथै।
उस महिमा के दवारा ऊ हमर निता अपन बडा अउ कीमती टीमा के पूर करे हबै, इहैमेर तै ऊ असक्ति लग बच गय, जउन बेकार वासना के कारन दुनिया हे बसे हबै अउ तै भगवान बेउहार के सहभागी बन गय हबस।
ऊ उनके आजाद करै के टीमा तो करथै, पय खुद पाप के गुलाम हबै, काखे जउन मनसे जेखर लग हार गय हबै, ऊ ओखर हरवाह बन जथै।
पय हइ मनसे उन बातन के बुराई करथै, जिनके ऊ नेहको समझथै अउ जउन बात हइ नेहको समझे उनही पसुन मेर समझथै, इनखरै कारन उन नास हुइ जथै।