10 खास करके उन मनसेन के, जउन देह के असुध्द कामन हे लिप्त रथै अउ भोग बिलास हे जीवन गुजारत हबै, अउ सासक के बेकार समझथै, उन ढीठ, घमंडी मनसे अउ स्वरगी जन तक के निन्दा करै लग नेहको डेराय,
पय ओखर सहर के दूसर मनसे, ओखर लग बुराई करत रथै, इहैनिता ओही मारै के निता, ओखर पाछू अक्ठी मनसे के पठोथै, काखे हम नेहको चाहथन, कि ई मनसे हमर उप्पर राज करै।
का तुम हइ नेहको जानत हबा कि जुरुम करै बाले मनसे भगवान कर राज के हकदार नेहको होही? धोखा हे झइ रहा, बेभिचारनी, मूरती पूजा, पराय डउकिन के संग गलत काम, लुचपन, पराय डउकन के संग गलत काम,
काखे हमर मसे कुछ मनसे चुपके लग घुस आथै, हइ मनसेन के नियाव के बारे हे किताब हे बोहत पहिले आगू कर बात गुठे दय रहै, हइ मनसे भगवान बिहीन हबै। हइ मनसे भगवान के अनुगरह किरपा के बिलास के अक्ठी बहाना बना डारे हबै अउ हइ हमर परभु अक्ठी गुरू यीसु मसीह के नेहको मानथै।